Chail – Himachal Pradesh: Chandigarh to Chail Road Trip Experience

हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है चैल (Chail), जो शिमला से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप शहर की भागदौड़ और भीड़ से दूर, शांति और सुकून की तलाश में हैं, तो चैल आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहाँ का वातावरण इतना शांत और प्राकृतिक है कि हर कोई खुद को प्रकृति की गोद में पाता है। चैल हिल स्टेशन खासकर उन पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है जो अपने परिवार या दोस्तों के साथ भीड़भाड़ से दूर कुछ यादगार पल बिताना चाहते हैं। यहाँ की हरियाली, ताज़ी हवा और खुला आसमान आपको एक अलग ही अनुभव कराते हैं। भीड़भाड़ वाले शिमला और कुफरी की तुलना में चैल अब भी शांत और कम भीड़ वाला स्थान है, इसलिए यहाँ आने वाला हर यात्री अपने सफर को यादगार बना लेता है।
Chail Himachal Pradesh
चैल की खूबसूरती उसकी सादगी में छिपी हुई है। यहाँ न तो बहुत ज्यादा शोरगुल है और न ही ज्यादा भीड़। चारों ओर फैली देवदार और चीड़ के पेड़ों की हरियाली, पहाड़ों की ताज़ा हवा और खुले आसमान के नीचे वादियों का नज़ारा देखने लायक होता है। जब कोई यात्री यहाँ आता है तो उसे ऐसा लगता है मानो वह किसी और ही दुनिया में आ गया हो। चैल का सबसे बड़ा आकर्षण यही है कि यहाँ इंसान खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करता है।

आइए दोस्तों, आज मैं आपको एक खूबसूरत सफर पर लेकर चलता हूँ – चैल की वादियों में। 15 अगस्त की छुट्टियों में मैंने अपने परिवार के साथ चैल घूमने का प्लान बनाया। चैल, शिमला से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है और अपनी शांति व प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है। हमारी यात्रा की शुरुआत चंडीगढ़ से हुई 15 अगस्त 2025 की सुबह लगभग 11:30 बजे। बच्चों की छुट्टियाँ थीं और हमें भी ऑफिस से ब्रेक मिला था, तो हमने सोचा क्यों न इस बार कोई ऐसी जगह चुनी जाए जहाँ भीड़-भाड़ से दूर, सुकून और कुदरत का असली आनंद मिल सके। और फिर हमारी मंज़िल बनी – Chail Himachal Pradesh।

तो आखिरकार हमारी मंज़िल बनी चैल। वजह साफ थी – शिमला और कुफरी की तुलना में यहाँ पर्यटकों की भीड़ कम रहती है और ट्रैफिक भी नहीं मिलता। अगर आप सच में प्रकृति के बीच सुकून भरा वक्त बिताना चाहते हैं, तो चैल आपके लिए एक परफेक्ट जगह है। अब बात करें रास्ते की। अगर आप चंडीगढ़ या दिल्ली से आ रहे हैं तो सबसे पहले आपको कंडाघाट पहुँचना होता है। यह कस्बा चंडीगढ़–शिमला हाईवे पर पड़ता है और चंडीगढ़ से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर है।

कंडाघाट से सफर थोड़ा दिलचस्प मोड़ लेता है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि यहाँ से सीधे चढ़ाई शुरू हो जाएगी, लेकिन हकीकत थोड़ी अलग है। कंडाघाट से आपको करीब 12 किलोमीटर नीचे उतरना पड़ता है – और ये उतराई आपको ले जाती है एक बेहद खूबसूरत जगह साधूपुल तक। साधूपुल एक छोटा-सा गाँव है, जहाँ एक नदी के ऊपर बना पुल और उसके किनारे-किनारे बने ढाबे सफरियों को रुकने और ताज़गी लेने पर मजबूर कर देते हैं। यहाँ अक्सर लोग झरने के ठंडे पानी में पैर डालकर चाय–पकोड़े का मज़ा लेते दिखाई देते हैं।

अब यहीं से शुरू होती है असली चुनौती और मज़ा – साधूपुल से लगभग 13 किलोमीटर लंबी चढ़ाई। घुमावदार और सँकरी पहाड़ी सड़कें, घने देवदार और चीड़ के जंगल, और बीच-बीच में घाटियों के अद्भुत नज़ारे आपकी थकान को गायब कर देते हैं। ये चढ़ाई ही Chail Himachal Pradesh की असली पहचान है, क्योंकि धीरे-धीरे ऊपर बढ़ते हुए आपको महसूस होता है कि आप सचमुच भीड़भाड़ वाली दुनिया से दूर, किसी शांत और अलग ही लोक में कदम रख रहे हैं। कुल मिलाकर, अगर आप चंडीगढ़ से बिना रुके सफर करते हैं तो लगभग 3 घंटे में आराम से चैल पहुँच सकते हैं। लेकिन अगर आप मेरी तरह रास्ते में रुककर नज़ारे लेने, फोटो खींचने और ढाबों पर चाय–मग्गी का मज़ा लेने वाले हैं, तो ये सफर थोड़ा लंबा ज़रूर हो जाएगा – मगर यकीन मानिए, यही रुकावटें आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देती हैं।

Chail Himachal Pradesh

अब अगर आप भी चंडीगढ़ से चैल जाने का प्लान बना रहे हैं तो मैं आपको एक आसान-सा रोड मैप बता देता हूँ, ताकि सफर और भी आसान और मज़ेदार हो जाए। हमने अपनी कार स्टार्ट की और रास्ता कुछ इस तरह तय हुआ:-

Chail Himachal Pradesh – Route From Chandigarh to Chail

यानी पूरा सफर कुछ ऐसा है:
चंडीगढ़ → ज़िरकपुर → पंचकुला → पिंजौर–कालका बायपास → धरमपुर → सोलन → कंडाघाट → साधूपुल → चैल

चंडीगढ़ से कंडाघाट तक का सफर बिल्कुल आरामदायक लगता है, क्योंकि यहाँ तक की सड़क फोर लेन और अच्छी तरह मेंटेन की गई है। गाड़ी चलाना आसान है और ड्राइविंग का मज़ा भी दोगुना हो जाता है।

लेकिन असली कहानी तब शुरू होती है जब आप कंडाघाट से नेशनल हाईवे छोड़कर चैल की तरफ मुड़ते हैं। यहाँ से सड़कें अचानक सँकरी हो जाती हैं और हर मोड़ पर पहाड़ी ड्राइविंग का असली अनुभव मिलता है। जगह-जगह तीखे मोड़ (hairpin bends) और घने जंगलों के बीच से गुजरती सड़कें आपको रोमांचित कर देती हैं। ड्राइविंग यहाँ थोड़ी संभलकर करनी पड़ती है – तेज़ रफ्तार से नहीं, बल्कि आराम से। क्योंकि ये सफर सिर्फ मंज़िल तक पहुँचने के लिए नहीं है, बल्कि रास्ते में मिलने वाले हर नज़ारे का आनंद लेने के लिए है। काँच से बाहर झाँकते ही आपको चीड़ और देवदार के पेड़ों से ढकी वादियाँ दिखेंगी, पहाड़ों से आती ठंडी हवा महसूस होगी और कभी-कभी सड़क किनारे छोटे-छोटे झरनों का पानी बहता नज़र आएगा।

यानी ये रास्ता आपको सिखाता है – “Slow Down, Relax, and Enjoy the Nature.”

चैल- Chail Himachal Pradesh में घूमने की खास जगहें

चैल सिर्फ अपनी शांति और नेचर के लिए ही नहीं, बल्कि यहाँ मौजूद कुछ खास जगहों की वजह से भी मशहूर है। अगर आप चैल जा रहे हैं तो इन जगहों को मिस बिल्कुल मत कीजिए:

1. चैल पैलेस – Chail Himachal Pradesh

Chail Himachal Pradesh

चैल की शान और इतिहास को करीब से देखने के लिए चैल पैलेस ज़रूर जाएँ। इसे महाराजा भूपिंदर सिंह ऑफ पटियाला ने बनवाया था। ऊँचे देवदार के पेड़ों के बीच बसा यह पैलेस अब हिमाचल प्रदेश टूरिज़्म डिपार्टमेंट के अंडर आता है और यहाँ ठहरने के लिए रॉयल रूम्स भी उपलब्ध हैं।

अगर आप यहाँ रहना चाहते हैं तो ऑफिशियल बुकिंग लिंक यह है:

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2. चैल क्रिकेट ग्राउंड – Chail Himachal Pradesh

यह सिर्फ एक ग्राउंड नहीं, बल्कि एक रिकॉर्ड है! समुद्र तल से 2444 मीटर की ऊँचाई पर बना यह क्रिकेट ग्राउंड दुनिया का सबसे ऊँचा क्रिकेट ग्राउंड है। चारों तरफ से घने पेड़ों और पहाड़ों से घिरा यह मैदान देखने में बेहद खूबसूरत लगता है।

3. काली टिब्बा मंदिर – Chail Himachal Pradesh

Chail Himachal Pradesh

चैल की सबसे शांत और आध्यात्मिक जगहों में से एक है काली का टिब्बा। यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर बना है और यहाँ से सनसेट व वैली का शानदार पैनोरमिक व्यू दिखाई देता है। काली माता को समर्पित यह मंदिर हर पर्यटक के लिए एक must-visit स्पॉट है।

4. चैल वाइल्डलाइफ़ सैंक्चुरी – Chail Himachal Pradesh

Chail Himachal Pradesh

अगर आप नेचर और वाइल्डलाइफ़ लवर हैं तो चैल वाइल्डलाइफ़ सैंक्चुरी आपके लिए स्वर्ग से कम नहीं। यहाँ आप हिरण, जंगली बकरियाँ, और कई तरह की पक्षियों की प्रजातियाँ देख सकते हैं। सुबह या शाम के समय यहाँ घूमना एक अलग ही अनुभव देता है।

निष्कर्ष :- Chail Himachal Pradesh

आख़िर में मैं बस इतना ही कहूँगा कि मेरी चैल की यात्रा हमेशा मेरी यादों में ताज़ा रहेगी। भीड़-भाड़, हॉर्न और भाग-दौड़ वाली शहरी ज़िंदगी से निकलकर जब मैंने कुछ दिन इन शांत वादियों में बिताए, तो सच में लगा जैसे ज़िंदगी ने मुझे एक नया नज़रिया दे दिया हो।

कुदरत की गोद में बैठकर, ठंडी हवाओं को महसूस करते हुए और दूर तक फैली हरी घाटियों को देखते हुए एहसास हुआ कि असली खुशी सादगी में ही छुपी है। यहाँ के लोग ज़्यादा दिखावे में नहीं जीते, वे हमारी तरह पैसों की दौड़ में नहीं भागते। उनकी ज़िंदगी सुकून से भरी है – ताज़ी हवा, ताज़ा सब्ज़ियाँ और एक संतुलित जीवनशैली। शायद यही वजह है कि उनके चेहरे पर हमेशा एक सुकूनभरी मुस्कान रहती है। चैल ने मुझे सिखाया कि कभी-कभी अपने लिए भी वक्त निकालना ज़रूरी है। भीड़ से दूर, भाग-दौड़ से दूर, बस प्रकृति और खुद के साथ समय बिताना ही असली luxury है।

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